अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या और राम मंदिर फिर से चर्चा में हैं। उत्तर भारत के 25 लाख घरों तक ‘रामरक्षा यंत्र’ पहुंचाने की खास पहल शुरू की गई है। यह यंत्र श्रीरामलला अयोध्या सेवा समिति द्वारा चांदी की प्लेट पर अभिमंत्रित किया गया है। समिति के अध्यक्ष आचार्य डॉ. राजानंद शास्त्री के अनुसार, यंत्र को मणिरामदास की छावनी स्थित वाल्मीकि रामायण भवन में वैदिक मंत्रों से सिद्ध किया जा रहा है। इस विशेष आयोजन का आयोजन 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर किया जा रहा है।
फिलहाल 250 वैदिक आचार्य लगातार रामरक्षा स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं। अब तक रामरक्षा स्तोत्र और श्रीराम महामंत्र का सवा लाख से अधिक बार जाप हो चुका है। इस यंत्र को व्यक्तिगत नाम और गोत्र के आधार पर अभिमंत्रित किया जा रहा है, ताकि इसका प्रभाव हर श्रद्धालु तक विशेष रूप से पहुंचे।
आचार्य राजानंद शास्त्री का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य हिंदुओं को रामभक्ति से जोड़ना है और बढ़ते धर्मांतरण को रोकना है। उनका मानना है कि जहां राम होते हैं, वहां हनुमान भी रहते हैं और भगवान राम सभी संकटों का हरण करते हैं। रामरक्षा यंत्र को प्राप्त करने के लिए इच्छुक श्रद्धालुओं से संस्था द्वारा आवेदन मांगे जा रहे हैं।
आचार्य के अनुसार यह यंत्र सभी समस्याओं को दूर कर सकता है और भक्तों को भगवान राम की कृपा प्राप्त करने में मदद करेगा। संस्था का उद्देश्य है कि पूरे देश के राम भक्त सनातन धर्म को जानें और हर घर में राम जी की पूजा-आराधना हो। पहले चरण में इस यंत्र को 25 लाख घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।